कर्मचारियों की पेंशन शेयर मार्केट के आधारित कभी भी घाटे में जा सकती है- चौधरी
बुरहानपुर-मप्र राज्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय आह्वान एवं भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में मप्र राज्य कर्मचारी संघ द्वारा पुरानी पेंशन बहाली को लेकर 5 मई को बुरहानपुर जिले की सभी तहसीलों एवं विकासखंड में सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन बुरहानपुर तहसीलदार को सौंपा।
मप्र राज्य कर्मचारी संघ के ब्लाक अध्यक्ष, अखिल भारतीय बडगुजर समाज शिक्षण समिति के सदस्य एवं श्री क्षत्रिय सकलपंच बडगुजर समाज बुरहानपुर के अध्यक्ष ने बताया कि भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी 2004 से अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए जो नेशनल पेंशन स्कीम जारी की गई है वह पेंशन स्कीम शेयर मार्केट पर आधारित है, जो कभी भी घाटे में जा सकती है।
प्रदेश में 1 जनवरी 2005 के बाद विभिन्न विभागों में नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बंद कर दी थी। इसकी जगह नई पेंशन स्कीम लागू की गई थी। इसी स्कीम का कर्मचारी विरोध कर रहे हैं।
इतनी कम पेंशन में तो दवाई भी नहीं आती
पुरानी पेंशन बहाली संघ के जिला अध्यक्ष सुरेश पवार ने बताया, नई पेंशन नीति के दुष्परिणाम अब सामने आ रहे हैं। कुछ कर्मचारी जब रिटायर हुए तो उनकी पेंशन 800 से 1500 रुपए प्रति माह ही बनी। इतने कम रुपयों में कर्मचारी या उनके परिजनों का भरण-पोषण संभव नहीं है। पुरानी पेंशन नीति में सैलरी की लगभग आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी। DA बढ़ने पर पेंशन भी बढ़ जाती थी। नई नीति में ऐसा कुछ भी नहीं है।
क्या है नई पेंशन नीति?
भारतीय मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष अंकित वैद्य एवं सचिव सतीश महाजन ने बताया कि 1 जनवरी 2005 के बाद भर्ती अधिकारी-कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू है। इसके तहत कर्मचारी 10% और इतनी ही राशि सरकार मिलाती है। संघ के अनुसार, इस राशि को शेयर मार्केट में लगाया जाता है। इसके चलते कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट के ऊपर निर्भर हो गया है। रिटायरमेंट होने पर 60% राशि कर्मचारी को नकद और शेष 40% राशि की ब्याज से प्राप्त राशि पेंशन के रूप में कर्मचारी को दी जाती है।
ज्ञापन का वाचन मंजुषा शाह द्वारा किया ब्लाक अध्यक्ष सुनील कोटवे ने 2004 के बाद नियुक्त सभी समाज बंधुओ से निवेदन किया है कि अपने अधिकार की लड़ाई में तन मन धन से सहयोग करे तब ही सफता संभव है आभार ब्लॉक अध्यक्ष सुनील कोटवे ने माना|
इस अवसर पर विभिन्न संगठन के पदाधिकारी भी उपस्थित थे|
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